| मेरे जख्मो की तू दवाई है |
| चोट दिल पे जो आज खाई है... |
| जिंदगी के हसीन मेले में, |
| यूँ ही फंसते रहे झमेले में. |
| ...बात अब ये समझ में आई है.......मेरे जख्मो की तू दवाई है |
| मैंने समझा नहीं कभी तुझको , |
| फिर भी देते रहे दुवा मुझको. |
| चोट सीने में खुद लगाई है.....मेरे जख्मो की तू दवाई है |
| ...रमेश शर्मा... |
unbelievable...
ReplyDeletethanks.....
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