हाथ पकड़ा है तमन्नाओ का मैंने हरदम . |
यूँ मुक्कद्दर से उलझते ही रहा हूँ हरदम |
.....रमेश शर्मा ... . |
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दिल के जलों की आह से, बचना सदा "रमेश" |
इश मशविरे को दिल में , रखना सदा हमेश.. |
..रमेश शर्मा... |
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जगजीत जी की याद में |
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यकीं होता नहीं "रमेश" दिल को फिर भी. |
हकीकत है दुनिया से जाना उनका..... |
..रमेश शर्मा... |
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अपने पहलू में ही थोड़ी सी जगह दे दे मुझको.. |
अपने हिस्से के सभी दर्द भी तू दे दे मुझको... |
....रमेश शर्मा.. |
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जगजीत जी की को श्रधांजलि... |
तेरी गायकी का निराला था अंदाज. |
कहाँ खो गई है वो मखमल सी आवाज . |
सूरों में भी ढूँढू तुझे तो कभी मै |
कभी ढूंढता हूँ तुझे बांसूरी में |
न आया है मुझको नजर तू कही आज ......कहाँ खो गई है.वो मखमल |
..रमेश शर्मा... |
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हम सब के भीतर छिपे रावण कई हजार. |
पुतलो में है क्या रखा मन के रावण मार. |
...रमेश शर्मा.. |
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ताउम्र था बेताब जिन्हें देखने को मै |
आये है आज खुद ही चल कर वो घर पे मेरे.. |
..रमेश शर्मा.. |
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खौफ गैरों का मुझे कब था ज़माने में "रमेश" |
डर तो अपनों का समाया है जहन में मेरे |
..रमेश शर्मा.. |
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चाहत को उसने अपना मुकद्दर समझ लिया. |
दुनिया का उसने खुद को सिकंदर समझ लिया.. |
...रमेश शर्मा.. |
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वो बदल लेते है हर बार चेहरे अपने. |
कभी हटा कर तो देखें पहरे अपने... |
...रमेश शर्मा.. |
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हम कर न सके ,अर्जे-वफ़ा भी उनसे. |
हो भी न सके, कभी खफा भी उनसे. |
...रमेश शर्मा.. |
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शीशा -ए-दिल जब भी टूट जाता है. |
मेरा अपना भी मुझ से रूठ जाता है, |
...रमेश शर्मा.. |
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गैर भी मोहब्बत से, मिलते है सदा |
भूल जाते है हरदम, अपने ही सदा. |
...रमेश शर्मा.. |
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दर्दे दिल से ही निकलते है अफसाने . |
उदासी में ही याद आते है मयखाने |
...रमेश शर्मा.. |
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हँसते हँसते भी चेहरे पे शिकन आ आते है. |
जिंदगी में कई रंज- ओ-मिहन आ जाते है. |
...रमेश शर्मा.. |
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दिल तो हमने भी बहुत देखे है "रमेश: |
झटकने से टूट जाये वो दिल ही क्या.. |
...रमेश शर्मा |
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मेरे अपनों ने लूटी है आबरू मेरी . |
शोर दुनिया में मचायें कैसे.. |
...रमेश शर्मा.. |
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नया ये रोग मुझको अब पकड़ने लग गया है. |
मेरे दिल का दिल भी अब धडकने लग गया है |
...रमेश शर्मा.. |
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हाल अपना भी तुमसे जुदा नहीं है. |
हम पर भी मेहरबान खुदा नहीं है. |
..रमेश शर्मा.. |
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कश्ती जब भी किनारे आई है |
तूने कश्ती मेरी डुबाई है... |
..रमेश.. |
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मेरे जज्बात की धड़कन के बहुत पास है तू. |
रूह में मेरे समाया है वो अहसास है तू. |
..रमेश शर्मा.. |
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जख्मों पे मेरे तूने, मरहम लगा दिया. |
सोये हुवे ग़मों को, फिर से जगा दिया.. |
...रमेश शर्मा.. |
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या खुदा चाहे तो तू किसी का पेट ना भर. |
इश महंगाई में किसी को मगर बीमार ना कर, |
...रमेश शर्मा... |
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जब भी आता है दिल में , दिल मेरा तोड़ जाते हो . |
हजारों बार है तोडा है, तुम्ही ने यूँ ही दिल मेरा. |
...रमेश शर्मा.. |
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होता नहीं है उनका, दीदार क्या करे. |
पहलू में जा के उनके, हर बार क्या करे. |
..रमेश शर्मा.. |
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मेरा चाहने वाला मुझसे खफा हो गया. |
दिल मेरा भी तभी से बेवफा हो गया. |
.रमेश शर्मा.. |
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बाद मुद्दत के उन्हें आज है जाना हमने. |
दिल भी रखते है वो इश बात को माना मैंने.. |
...रमेश शर्मा.. |
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होंटो से पिया है, हर एक जाम उनका. |
बोतल पे छपा है, जब से नाम उनका.. |
…..रमेश शर्मा… |
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दर्द - बेदर्द न बन जाये कहीं मोहब्ब्बत में. |
शायर बन गए हम भी तुम्हारी सोहबत में |
..रमेश शर्मा.... |
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दर्दे दिल की जब से वो दवा देने लगा है |
मेरा किरदार भी मुझको हवा देने लगा है |
...रमेश शर्मा.. |
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जब से रक्खा है मेरे दिल में सजाकर तुझको. |
तब से रखता हूँ ज़माने से बचाकर तुझको. |
...रमेश शर्मा.. |
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ऐ खुदा तुझसे भी कभी, ये भूल हो जाएँ |
दुवाएं मेरी भी सभी, कबूल हो जाएँ . |
..रमेश शर्मा.. |
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कस्तीयाँ डूब जाती है दिखावे की समंदर में. |
वो नीयत साफ है जिनकी किनारा पा ही जाते है.. |
..रमेश शर्मा.. |
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जिंदगी खो गई, उनके जाने के बाद.. |
वो मिले भी तो कब , एक ज़माने के बाद. |
...रमेश शर्मा.. |
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ता उम्र तमन्नाओ ने सताया मुझको. |
खुद्दारियों ने हर बार बचाया मुझको. |
...रमेश शर्मा.. |
रमेश जी आपकी शायरी बहुत ही उम्दा है ,गहरी सोच की जमी की फसल है यह ,संवेदनाओ को जेसे सजा दिया है आपने शब्दों में ... बधाई
ReplyDeleteशुक्रिया परवेज जी हौसला अफजाई के लिए......
ReplyDeletebehad sahaj sundar saral aur unchkoti ki avivyakti ....aabhar
ReplyDeleteशुक्रिया संध्याजी हौसला अफजाई के लिए......
ReplyDeleteमज़ा आ गया , हार्दिक बधाई| - रश्मि झा
ReplyDeleteThanks...beta Rashmi....
ReplyDeleteदिल को झकझोर देने वाली अभिब्यक्ति ....
ReplyDeleteया यूँ कहूं आपकी कलम का जादू ...
आपको मेरे आभार ............
दिल को झकझोर देने वाली अभिब्यक्ति ...
ReplyDeleteया यूँ कहूं ...आपकी कलम का जादू ...
आपको मेरा आभार
(निहारिका बंसल )
निहारिका बंसल जी आपका बहुत बहुत आभार
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