Saturday 22 October 2011

भ्रस्टाचार आचार

सरे आम अब बिक रहा भ्रस्टाचार आचार
जनता खाने लग रही हो कर के लाचार
हो कर के लाचार समझ में कछु नही आवे.
खावे जो तो  मरा , मरा जो भी नही खावे..
..रमेश शर्मा...

No comments:

Post a Comment