| आओ यारो देखलो तुम भी, मुखड़ा इश शैतान का . |
| बांध पुलन्दा बेच रहा है अपने ही ईमान का ...ये है बेशरम ये है बेशरम . |
| झूट बोल कर दौलत इसने ,बेशुमार कमाई है |
| पुत्र कलत्र न यारो इशके, नाही कोई सगा ही है |
| ... आँख मूँद कर बैठा है ज्यों, स्वान शिशु का भाई है |
| मन में नाम हरी का जपता, मिथ्या देत दुहाई है |
| पाप की गठरी बांध रहा है, ना डर है भगवान का.... |
| बांध पुलन्दा बेच रहा है अपने ही ईमान का ...ये है बेशरम ये है बेशरम . |
| लालच के आधीन हो गया, मेरा मेरा करता है |
| इसका खाता उसका खाता ,पेट ना इसका भरता है.. |
| लोमड सम चालाक बना है , नीच दुस्ट्ता करता है |
| काक भांति चतुराई करता , धन ये सबका हरता है |
| धर्म का इसको बोध नहीं है ,जाया है हैवान का |
| बांध पुलन्दा बेच रहा है अपने ही ईमान का ...ये है बेशरम ये है बेशरम . |
| ..रमेश शर्मा.. |
Wednesday, 30 November 2011
आज का इन्सान
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